ड्रैगन फ्रूट for Dummies
ड्रैगन फ्रूट for Dummies
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ड्रैगन फ्रूट
हमारे हिंदुस्तान में कई तरह के फलों का सेवन किया जाता है। बहुत से फल तो हमारे देश में ही उगाए जाते हैं, जबकि कुछ फल तो दूसरे देशों से भी मंगवाए जाते है। साथ ही फलों के लाभ तो कई हैं, जिस कारण सभी इनका सेवन करते हैं। साथ ही आप सभी फलों से परिचित तो होंगे ही, लेकिन यहां हम जिस फल की बात कर रहे हैं, उसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। इस फल का नाम है ड्रैगन फ्रूट। इसके रंग रूप को देखते हुए इसे यह नाम दिया गया है।
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आइसक्रीम के स्वाद को बढ़ाने के लिए ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ड्रैगन फ्रूट कैसे खाएं और कितनी मात्रा में खाएं?
प्रश्न-ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहाँ मिलेंगे?
ड्रैगन फ्रूट में आयरन होता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए जरुरी है क्योंकि प्रेग्नेंसी के समय महिला में खून की कमी हो जाती है। इसका कारण है एनीमिया जिससे की जन्म के समय शिशु की मृत्यु, गर्भपात या समय से पहले प्रसव होने का खतरा होता है। अगर आपके मन में भी यह सवाल था की ड्रैगन फ्रूट गर्भावस्था में खाना चाहिए या नहीं तो आप इसे जरूर खा सकती है।
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डायबिटीज दुनिया के सबसे खतरनाक रोगों में से एक है। ड्रैगन फ्रूट में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ फ्लेवोनोइड, फेनोलिक एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड और फाइबर पाए जाते हैं। ये हमारे शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करते है। साथ ही जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, उनके लिए ड्रैगन फ्रूट का सेवन डायबिटीज से बचने का विकल्प है।
ड्रैगन फ्रूट को मार्च से जुलाई के बीच कभी भी बोया जा सकता है, और पौधे लगाने के बाद लगभग एक साल में इसका पेड़ तैयार हो जाता है, और जुलाई-अक्टूबर तक फल देता है।
ड्रैगन फ्रूट एक ऐसा फल है जिसकी खेती पहले दक्षिण अमेरिका में शुरू हुई थी। इसके बाद इसकी खेती कई देशों में की जाने लगी। भारत में कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है। ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में कमलम और पिताया फ्रूट के नाम से जाना जाता है। गुजरात सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर कमलम कर दिया है। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि यह फल कमल के फूल की तरह दिखाई देता है। बता दें कि कमलम शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है जिसे इस फल के नाम के लिए उपयोग किया गया है। अब भारत ड्रैगन फ्रूट को कमलम नाम से जाना जाता है। किसान भाई इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती की खास बात ये हैं कि इसे कम पानी मेें उगाया जा सकता है। साथ ही ड्रैगन फ्रूट के पौधों में बीमारियां और रोग नहीं लगते हैं। अभी तक ड्रैगन फ्रूट की खेती के दौरान बीमारियों और रोग लगने का ऐसा कोई मामला सामाने नहीं आया है।
जिसको रोकने के लिए नीम के तेल या नीम की पत्तियों के पानी का छिडकाव पौधों पर करना चाहिए.
जिन लोगों को भूख कम लगती है उन्हें ड्रैगन फ्रूट खाना चाहिए। ड्रैगन फ्रूट में जो विटामिन और फाइबर होते है वह पाचन क्रिया की समस्या को दूर करते है। जिससे की भूख बढ़ने में मदद मिलती है।